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वरिष्ठ नागरिकों के लिए ज़रूरी टीके: उम्र बढ़ने के साथ किन टीकों की जरूरत? - Dr Rashi Gupta

बुजुर्गों के लिए टीकाकरण अब ज्यादा महत्व और विश्वसनीयता प्राप्त कर रहा है। बढ़ती उम्र, बुजुर्गों में कुछ मेडिकल समस्याओं का बढ़ना, और उन्हें स्वस्थ रखने की इच्छा, इन सभी कारणों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बुजुर्गों के लिए वैक्सीनेशन (vaccination) और उन्हें ये टीके लगवाना कितना जरूरी है।

COVID-19 वैक्सीनेशन (COVID-19 Vaccines)

COVID-19 एक ऐसा रोग है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है और बुखार, खांसी, और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। बुजुर्गों को इस बीमारी से गंभीर रूप से बीमार होने या मृत्यु का खतरा अधिक होता है।

अनुसंधान (research) से यह साबित हुआ है कि COVID-19 वैक्सीनेशन संक्रमण (infection) के जोखिम को कम करता है। अगर टीकाकरण के बाद भी आपको COVID-19 हो जाता है, तो टीका आपको गंभीर रूप से बीमार होने या अस्पताल में भर्ती होने से बचाता है।

वैज्ञानिक अभी भी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि वायरस (virus) के नए प्रकारों के खिलाफ ये टीके कितने प्रभावी हैं, लेकिन वैक्सीनेशन अब भी सुरक्षा का सबसे अच्छा तरीका है।

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) सलाह देता है कि बुजुर्गों को अपनी COVID-19 वैक्सीनेशन को अपडेट रखना चाहिए।

फ्लू वैक्सीनेशन (Flu Vaccine for Older Adults)

फ्लू (flu), या इन्फ्लुएंजा (influenza), एक सामान्य वायरस (virus) है जो बुखार, ठंड लगना, गला बैठना, नाक बंद होना, सिर दर्द और शरीर में दर्द जैसे लक्षण पैदा करता है। यह तब और खतरनाक हो जाता है जब यह आपके फेफड़ों (lungs) को प्रभावित करता है, और बुजुर्गों को निमोनिया (pneumonia) जैसी गंभीर जटिलताओं (complications) का खतरा होता है।

फ्लू आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और वायरस हर साल बदलता रहता है। यही कारण है कि हर साल एक नया फ्लू टीका बनाया जाता है, जो नवीनतम वायरस (latest virus) प्रकार से मेल खाता है। बुजुर्गों के लिए, हालांकि टीके का प्रभाव कुछ समय के लिए सीमित हो सकता है, फिर भी यह गंभीर रूप से बीमार होने या अस्पताल जाने के जोखिम को कम करता है।

यदि आपके पास हृदय रोग (heart disease) या डायबिटीज (diabetes) जैसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो फ्लू का टीका लेना और भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। सबसे अच्छा समय टीका लगवाने का अक्टूबर के अंत तक होता है, इससे पहले फ्लू सीजन (flu season) शुरू हो जाए। टीका असर दिखाने में लगभग 2 सप्ताह का समय लेता है, लेकिन अगर आपने अक्टूबर में टीका मिस कर दिया, तो भी इसे बाद में लगवाना सहायक होता है क्योंकि फ्लू का सीजन आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में चरम पर होता है।

65 साल और उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए विशेष फ्लू टीके होते हैं, जैसे उच्च खुराक (high-dose vaccines) और एडजुवांटेड (adjuvanted) टीके, जिनमें शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया (immune response) को बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त घटक (ingredient) होता है।

न्यूमोनिया (Pneumonia) से बचाव के लिए वैक्सीनेशन

न्यूमोकॉकल रोग (Pneumococcal disease) एक गंभीर संक्रमण (infection) है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से फैलता है। यह निमोनिया (pneumonia) का कारण बन सकता है और शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है।

बुजुर्गों में इस संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने या मृत्यु का खतरा ज्यादा होता है। इस बीमारी से बचाव के लिए, यह सलाह दी जाती है कि 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वयस्कों को न्यूमोकॉकल वैक्सीन (pneumococcal vaccine) लगवाना चाहिए। यह टीका आपको गंभीर संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है और आपको स्वस्थ रख सकता है।

टिटनेस, डिप्थीरिया और काली खांसी (Tetanus, Diphtheria, and Whooping Cough) के लिए वैक्सीनेशन

टिटनेस (lockjaw), डिप्थीरिया और काली खांसी (whooping cough) गंभीर बीमारियां हैं जो बैक्टीरिया (bacteria) के कारण होती हैं। इनका इलाज न करने पर ये गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण बन सकती हैं।

  • टिटनेस (lockjaw) वह बीमारी है जो मिट्टी, धूल या खाद से पाए जाने वाले बैक्टीरिया से होती है और गहरे घाव या जलने से शरीर में प्रवेश कर सकती है। यह मांसपेशियों (muscle) में दर्दनाक जकड़न (stiffness) पैदा करता है।
  • डिप्थीरिया एक गंभीर बीमारी है जो गले, टॉन्सिल, नाक या त्वचा को प्रभावित करती है और आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।
  • काली खांसी (whooping cough) ऐसी खांसी होती है जो सांस लेने में कठिनाई पैदा कर सकती है और यह भी बहुत संक्रामक होती है।

इन बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है टीका लगवाना। ज्यादातर लोग इन टीकों को बचपन में लगवाते हैं, लेकिन वयस्कों को हर 10 साल में बूस्टर शॉट्स (booster shots) की जरूरत होती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों (health experts) का कहना है कि वयस्कों को हर 10 साल में Tdap (टेटनस, डिप्थीरिया, और काली खांसी) या Td (टेटनस और डिप्थीरिया) टीका लगवाना चाहिए।

शिंगल्स (Shingles) वैक्सीनेशन

शिंगल्स (shingles) एक दर्दनाक बीमारी है जो चिकनपॉक्स (chickenpox) का कारण बनने वाले वायरस (virus) द्वारा होती है। अगर आपको बचपन में चिकनपॉक्स हुआ था, तो यह वायरस आपके शरीर में अभी भी मौजूद हो सकता है। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, यह वायरस फिर से सक्रिय हो सकता है और शिंगल्स का कारण बन सकता है। शिंगल्स नसों (nerves) को प्रभावित करता है और जलन (burning) या तेज दर्द (shooting pain), झुनझुनी (tingling), खुजली (itching), और दाने (rash) पैदा कर सकता है जिनमें तरल से भरे फफोले (fluid-filled blisters) होते हैं। दाने ठीक हो जाने के बाद भी दर्द महीनों तक रह सकता है, जिसे पोस्ट-हर्पेटिक न्यूराल्जिया (post-herpetic neuralgia - PHN) कहा जाता है।

शिंगल्स का टीका आपको शिंगल्स और PHN से बचाने में मदद कर सकता है। यह 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के स्वस्थ वयस्कों (healthy adults) के लिए सुरक्षित और अनुशंसित है। वर्तमान में यह वैक्सीनेशन शिंग्रिक्स (Shingrix) नामक दो खुराकों (doses) में दिया जाता है। आपको शिंगल्स का टीका लगवाना चाहिए चाहे आपने चिकनपॉक्स, चिकनपॉक्स वैक्सीन, शिंगल्स या पुराना शिंगल्स वैक्सीन (Zostavax) लिया हो (जो अब प्रयोग में नहीं है)।

लेकिन अगर आपको शिंगल्स है, बुखार (fever) है, आपकी इम्यून प्रणाली कमजोर है (weak immune system), या आपने शिंग्रिक्स टीके से एलर्जी (allergic reaction) की है, तो आपको यह वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।

RSV वैक्सीनेशन (RSV Vaccine for Older Adults)

रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) एक सामान्य वायरस (virus) है जो आमतौर पर हल्के, सर्दी जैसे लक्षण (cold-like symptoms) उत्पन्न करता है। लेकिन बुजुर्गों (older adults) के लिए, RSV अधिक गंभीर हो सकता है। यह सांस लेने में गंभीर समस्याएं (breathing problems) उत्पन्न कर सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें हृदय (heart) या फेफड़े (lungs) की बीमारी हो या जिनकी इम्यून प्रणाली कमजोर हो।

RSV से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए, अब बुजुर्गों के लिए RSV वैक्सीनेशन उपलब्ध है। CDC (Centers for Disease Control and Prevention) यह सलाह देता है कि 75 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को RSV वैक्सीन लगवानी चाहिए। 60–74 वर्ष के वे लोग जो गंभीर RSV बीमारी से प्रभावित हो सकते हैं, उन्हें भी यह वैक्सीनेशन मिलनी चाहिए।

RSV संक्रमण आमतौर पर फ्लू की तरह, पतझड़ और सर्दियों (fall and winter) में अधिक होता है, इसलिए यह अच्छा रहेगा कि आप RSV सीजन शुरू होने से पहले टीका लगवाएं। हालांकि, आप इसे साल भर कभी भी लगवा सकते हैं और इससे सुरक्षा का लाभ उठा सकते हैं।

Disclaimer: The views expressed in this article are of the author and not of Health Dialogues. The Editorial/Content team of Health Dialogues has not contributed to the writing/editing/packaging of this article.
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