बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी होता है। जब बच्चा गर्भ में होता है तभी मां का टीकाकरण शुरु हो जाता है, लेकिन बच्चे के जन्म के बाद कई टीके लगवाना जरूरी होता है। टीकाकरण के अभाव में बच्चे कई जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं।
बच्चों के लिए सबसे ज्यादा जानलेवा निमोनिया (Pneumonia) और गलघोंटू बीमारी होती है। काली खांसी और खसरा भी बच्चों के लिए जानलेवा हो सकती है। इसके अलावा टीकाकरण न करने से बच्चे के शारीरिक विकास पर भी असर पड सकता हैं। इसलिए समय-समय पर बच्चों को टीकाकरण कराना काफी जरूरी हैं।
भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित टीकाकरण कार्यक्रम बच्चों के जन्म से लेकर 6 वर्ष तक के समय को कवर करता है। हर टीके का अपना एक महत्व है और यह बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। बच्चों के जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए 7 तरह की वैक्सीन के टीकों को टीकाकरण प्रोग्राम में शामिल किया है।
इनमें BCG, Hepatitis B, Rotavirus, Diphtheria, Tetanus, काली खांसी (Pertussis), Hib, Polio, खसरा, कण्ठमाला, Rubella, और Chickenpox शामिल हैं। ये टीके बच्चों को गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। इनके अलावा अब Pneumococcal और COVID-19 का टीका भी उपलब्ध है।
जन्म से लेकर 6 साल तक का टीकाकरण शेड्यूल
जन्म के समय (Birth Dose)
- BCG : TB (Tuberculosis) से बचाव के लिए।
- Oral Polio Vaccine (OPV) – यह बच्चों को जन्म के समय दी जाने वाली पहली खुराक है। अगली खुराक तब ली जाती है जब आपका बच्चा 6 सप्ताह का होता है, तीसरी खुराक 10 सप्ताह की उम्र में और अंतिम खुराक 14 सप्ताह की उम्र में दी जाती है। यह टीका पोलियो वायरस से बचाता है जो एक संक्रामक बीमारी है। यह बच्चों के तंत्रिका तंत्र पर आक्रमण करती है और लकवा का कारण बन सकती है। यह वायरस 5 वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
- Hepatitis B (पहली डोज): लिवर संक्रमण से बचाने के लिए।
6 हफ्ते के बच्चे के टीके:
1. OPV-1
- मुंह से दी जाती है।
- पोलियो से बचाती है।
- कोई खास साइड इफेक्ट नहीं।
2. Pentavalent-1
- इंजेक्शन से दी जाती है।
- 5 बीमारियों से बचाती है: Diphtheria, Pertussis, Tetanus, Hepatitis B, Hib।
- इंजेक्शन लगाई गई जगह पर सूजन, लाल होना और बच्चे को दर्द हो सकता हैं।
3. Rotavirus Vaccine (RVV-1)
- मुंह से दी जाती है।
- दस्त से बचाती है।
- यह टीका Rotavirus से सुरक्षा करता है जो शिशुओं और छोटे बच्चों में गंभीर दस्त की बीमारी का कारण होता है।
4. Pneumococcal Vaccine (PCV-1)
- इंजेक्शन से दी जाती है।
- निमोनिया, मेनिन्जाइटिस जैसी बीमारियों से बचाती है।
5. Inactivated Polio Vaccine (fIPV-1)
- इंजेक्शन से दी जाती है।
- पोलियो से सुरक्षा।
- साइड इफेक्ट: बुखार, बदन दर्द।
10 सप्ताह के बच्चे का टीकाकरण:
- Pentavalent-2
- यह खुराक इंजेक्शन के जरिये दी जाती है।
- Diphtheria, Pertussis, Tetanus, Hepatitis B और Hib से सुरक्षा करता है।
- सूजन, लालिमा, दर्द और बुखार हो सकता है।
- OPV-2
- यह तीसरी OPV खुराक है।
- मुंह से दी जाती है।
- पोलियो वायरस से सुरक्षा।
- RVV-2
- इंजेक्शन या मुंह से दी जाती है।
- Rotavirus से सुरक्षा करता है।
- दस्त, उल्टी और जलन हो सकती है।
14 सप्ताह का टीकाकरण:
- उपरोक्त सभी टीकों की तीसरी डोज दी जाती है।
6 महीने का टीकाकरण:
- Hepatitis B (तीसरी डोज), यदि पहले न दी गई हो।
9 महीने का टीकाकरण:
- MMR (पहली डोज): खसरा, मम्प्स और रूबेला से बचाव।
- Vitamin A (पहली डोज): आँखों और प्रतिरक्षा के लिए।
12–15 महीने का टीकाकरण:
- Hib बूस्टर डोज
- PCV बूस्टर डोज
- MMR (दूसरी डोज)
- Chickenpox का टीका
16–24 महीने का टीकाकरण:
- DPT बूस्टर डोज
- IPV बूस्टर
- Hepatitis A (दो डोज़ में)
- Typhoid Conjugate Vaccine (TCV)
4–6 साल का टीकाकरण:
- DPT बूस्टर डोज (दूसरा बूस्टर)
- MMR का टीका
- Varicella (दूसरा डोज)
- IPV (अंतिम बूस्टर)
माता-पिता यह ध्यान में रखें
1. टीकाकरण कार्ड संभाल कर रखें:
- हर डोज के बाद कार्ड अपडेट कराना जरूरी है। स्कूल एडमिशन या मेडिकल जरूरतों के लिए काम आता है।
2. डोज मिस न करें:
- कोई डोज छूट जाए तो डॉक्टर से संपर्क करें।
3. साइड इफेक्ट्स से न डरें:
- हल्का बुखार, दर्द या सूजन सामान्य है। लक्षण बढ़ें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
4. सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण:
- भारत सरकार के मिशन इंद्रधनुष के तहत कई जरूरी टीके मुफ्त मिलते हैं।
5. नियमित डॉक्टर विज़िट करें:
- समय-समय पर चेकअप कराएं ताकि टीकाकरण शेड्यूल में कोई गलती न हो।